गीत
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संज्ञा
अर्थ
एक प्रकार के बोल होते हैं, जिसे गाया जाता है।
अनुवाद
अन्य शब्द
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
गीत ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह वाक्य, पद या छंद यो गाया जाता हो । गाने की चीज । गाना । विशेष— संगीत शास्त्र के अनुसार जो वाक्य धातु और मात्रायुक्त हो वही गीत कहलाता है । गीत दो प्रकार का होता है— वैदिक और लौकिक । वैदिक गीत को साम कहते हैं । (दे॰ 'साम') सारा मामवेद ऐसे ही हीतों से भरा हुआ है । लौकिक गित भी दो भागों में विभक्त है— मार्ग और देशी । शुद्ध राग और रागिनियाँ मार्ग के अंतर्गत हैं और आजकल के चलते गाने (दादरा, टप्पा, गजल, ठुमरी, आदि) देशी कहलाते हैं । गीत के दो भेद और हैं—यंत्र और गातू ।
गीत ^२ वि॰
१. गाया हुआ ।
२. घोषित । कथित [को॰] ।