गर्भ
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गर्भ अथवा गर (fetus) प्राणियों में जन्म से पहले भ्रूण के विकसीत रूप को कहते हैं।[1] भ्रूण के विकास के परिणामस्वरूप वह गर्भ की अवस्था में पहुँचता है। मानव में गर्भ का विकास निषेचन के नौ सप्ताह (अथवा गर्भावधि के ग्यारह सप्ताह) बाद आरम्भ होता है और प्रसव तक जारी रहता है। गर्भ का विकास एक संतत प्रक्रिया है जिसमें कोई भ्रूण और गर्भ में एक स्पष्ट अन्तर नहीं किया जा सकता। हालांकि गर्भ उस अवस्था को कहते हैं जब सभी प्रमुख शारीरिक अंगों की उपस्थिति तैयार हो जाती है, यद्यपि वो अब तक पूरी तरह विकसित नहीं हुये हैं और न ही पूरी तरह काम करने लगे हैं, इसके अतिरिक्त कुछ अभी तक अपनी सही शारीरिक स्थिति पर भी नहीं होते।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ घोष, शम्पा; रघुनाथ, मनचला; सिन्हा, जितेन्द्र कुमार (2017), "Fetus", एन्साइक्लोपीडिया ऑफ़ एनिमल कॉगनिशन एंड बिहेवियर (अंग्रेज़ी में), स्प्रिंगर इंटरनेशनल पब्लिशिंग, पपृ॰ 1–5, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9783319478296, डीओआइ:10.1007/978-3-319-47829-6_62-1
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]Fetus से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
- मेडलाइनप्लस मेडिकल एनसाइक्लोपीडिया पर गर्भ विकास (अंग्रेज़ी में)
पूर्वाधिकारी भ्रूण |
मानव विकास का क्रम गर्भ |
उत्तराधिकारी नवजात |
राष्ट्रीय | |
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अन्य |
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