परसतावित शोध.पतर म मरा उददशय दारशनिक चितन म नतिक तनयता की अवधारणा को सपषट करत हए नतिक निरणय व उसक... more परसतावित शोध.पतर म मरा उददशय दारशनिक चितन म नतिक तनयता की अवधारणा को सपषट करत हए नतिक निरणय व उसक निरमाण परकरिया म सहायक लकषणो का समीकषा करना ह। वासतव म अभी तक नतिकता की कोई वसतनिषठ परिभाषा उपलबध नही हए कयोकिए नतिक कथन क निरमाण परकरिया तनय ;सिमगपइसमदध होती ह जिसकी सहायता स नतिक करता निकटतम समाधान परापत कर वाछित उददशयो की परापति कर पाता ह। अतः इस शोध पतर क परिचय भाग म नतिक तनयता की अवधारणा को सपषटीकरण किया गया ह तथा नतिक समसयाओ क समाधान हत इसकी वाछनीयता क साथ.साथ इसकी पषटि हत सहायक पदो जस नतिक कषतर र जहा दारशनिक व सामानय वयकति नतिक निरणय यथा नयायए अधिकारए मानव जाति क कलयाण इतयादि नतिक परतययो पर विशिषट परिसथिति म गढ समीकषातमक सवाद करत हए नतिक सजञान र जस विशिषट नतिक करता क सासकतिकए सामाजिकए धारमिकए आरथिक इतयादि ततरो स उसका सजञानातमक विकास होता ह। इनही परतययो म स वह नतिक समसयाओ स जझत हए नतिक सजञान क परारप ;जस करतवयवादीए उपयोगितावादी इतयादिदध अपन अतःकरण म सजित करता ह जिसको वह समसयाओ पर परयकत करक वाकषित उददशयो की परापति कर पाता ह तथा नतिक निरणय क निरमाण परकरिया म सहायक लकषणो जस उस विशिषट ...
परसतावित शोध.पतर म मरा उददशय दारशनिक चितन म नतिक तनयता की अवधारणा को सपषट करत हए नतिक निरणय व उसक... more परसतावित शोध.पतर म मरा उददशय दारशनिक चितन म नतिक तनयता की अवधारणा को सपषट करत हए नतिक निरणय व उसक निरमाण परकरिया म सहायक लकषणो का समीकषा करना ह। वासतव म अभी तक नतिकता की कोई वसतनिषठ परिभाषा उपलबध नही हए कयोकिए नतिक कथन क निरमाण परकरिया तनय ;सिमगपइसमदध होती ह जिसकी सहायता स नतिक करता निकटतम समाधान परापत कर वाछित उददशयो की परापति कर पाता ह। अतः इस शोध पतर क परिचय भाग म नतिक तनयता की अवधारणा को सपषटीकरण किया गया ह तथा नतिक समसयाओ क समाधान हत इसकी वाछनीयता क साथ.साथ इसकी पषटि हत सहायक पदो जस नतिक कषतर र जहा दारशनिक व सामानय वयकति नतिक निरणय यथा नयायए अधिकारए मानव जाति क कलयाण इतयादि नतिक परतययो पर विशिषट परिसथिति म गढ समीकषातमक सवाद करत हए नतिक सजञान र जस विशिषट नतिक करता क सासकतिकए सामाजिकए धारमिकए आरथिक इतयादि ततरो स उसका सजञानातमक विकास होता ह। इनही परतययो म स वह नतिक समसयाओ स जझत हए नतिक सजञान क परारप ;जस करतवयवादीए उपयोगितावादी इतयादिदध अपन अतःकरण म सजित करता ह जिसको वह समसयाओ पर परयकत करक वाकषित उददशयो की परापति कर पाता ह तथा नतिक निरणय क निरमाण परकरिया म सहायक लकषणो जस उस विशिषट ...
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